देश की जनता होशियार -डा श्याम गुप्त
देश की जनता होशियार -डा श्याम गुप्त देश की जनता होशियार ------एक -- राष्ट्र बचे या हम रोटी कपड़ा मकान में लगे रहें ----========================बिके हुए, भटके हुए, भ्रमित लोग व...
View Articleएक और दाशराज्ञ युद्ध --और आज की भारतीय राजनैतिक स्थिति---डा श्याम गुप्त
दाशराज्ञ युद्ध – और आज की राजनैतिक स्थिति –====================================बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि राम-रावण युद्ध एवं महाभारत युद्ध के मध्य के काल में एक भीषण युद्ध हुआ था जिससे भारत की...
View Articleकेदारनाथ जलप्रलय ---माता प्रकृति का श्राप एवं जगत पिता द्वारा दिया गया दंड...
केदारनाथ जलप्रलय ---माता प्रकृति का श्राप एवं जगत पिता द्वारा दिया गया दंड --- वह सर्वश्रेष्ठ, जगतपिता अपनी सुन्दरतम सृष्टि, प्रकृति के विनाश के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ रचना, अपने पुत्र मानव को भी...
View Articleपवन पुत्र हनुमान वानर नही मानव थे … डा श्याम गुप्त
पवन पुत्र हनुमान वानर नही मानव थे … डा श्याम गुप्त =================================जगह-जगह मन्दिरों में स्थापित हनुमान जी की मूर्तियों को देख कर अधिकाँश हिन्दू और सभी विधर्मियों की आम धारणा है कि...
View Articleआज आजाद हुआ भारत ----आज की ग़ज़ल -गज़लोपनिषद ---डा श्याम गुप्त
आज आजाद हुआ भारत ----आज की ग़ज़ल -गज़लोपनिषद ---=============================================******काशी से नरेंद्र भाई मोदी , प्रधान मंत्री भारत सरकार का आह्वान व उद्घोष -----का मूल मन्त्र ---१. कार्य में...
View Articleभारत देश, राष्ट्र, व कांग्रेस ---- और कांग्रेस की गलतियां --डा श्याम गुप्त..
भारत देश, राष्ट्र, व कांग्रेस ---- और कांग्रेस की गलतियां --डा श्याम गुप्त.. =====================================भारत देश तो १५ अगस्त १९४७ को अंग्रेजों की सत्ता से आजाद होगया...
View Articleगीत
गीत लिखूँ प्रीत में मनमीत के लिखूँभावना में बज रहे संगीत के लिखूँ।।मन्त्रमुग्ध ही रहा हूँ मोहपाश मेंदृष्टिपथ निहार रहीं पलकें साथ मेंगर्मीयों की बात...
View ArticleMujhe Yaad aaoge - Hindi Kavita Manch
मुझे याद आओगेकभी तो भूल पाऊँगा तुमको, मुश्क़िल तो है|लेकिन, मंज़िल अब वहीं है||पहले तुम्हारी एक झलक को, कायल रहता था|लेकिन अगर तुम अब मिले, तों भूलना मुश्किल होगा||@ऋषभ शुक्लाहिन्दी कविता मंच
View Articleनिमंत्रण पत्र ...लोकार्पण समारोह----- अभिनन्दन ग्रन्थ 'अमृत कलश' -----डा...
निमंत्रण पत्र ...लोकार्पण समारोह----- अभिनन्दन ग्रन्थ 'अमृत कलश' -----डा श्याम गुप्तलोकार्पण समारोह----- अभिनन्दन ग्रन्थ 'अमृत कलश' -----डा श्याम गुप्त...
View Articleअगस्त पाँच को दीवाली मनने वाली (विनीता अग्निहोत्री)
विनीता अग्निहोत्री की कविताअगस्त पाँच को दीवाली है मनने वालीफिर से भूमि अयोध्या की है सजने वालीखूब बजेंगे शंख-ढोल, मंजीरे-थालीचातक मोर-पपीहा धुन गायेंगे मतवालीझूम उठेगी फिर सरयू के तट हरियालीअब शुभ...
View ArticleBhai Chara / भाईचारा / Brother Hood
Bhai Chara / भाईचारा / Brother HoodBhai Chara / भाईचारा / Brother Hoodक्या गजब है देशप्रेम,क्या स्वर्णिम इतिहास हमारा है|अजब-गजब कि मिलती मिशाले,क्या अद्भुत भाईचारा है||जब भी दुश्मन आता शरहद पर,हमें...
View Articleहम्मीर हठ (ऐतिहासिक उपन्यास) - सुधीर मौर्य
हम्मीर हठ Hammir Hathशीघ्र प्रकाश्य ऐतहासिक उपन्यास #हम्मीर_हठ से‘मरहठ्ठी बेगम तुम क्या खुशनसीबी और वक़्त की फेर की बात कर रही हो जबकि सच तो ये है कि आज सारी ज़मीन पर कहीं भी कोई भी तलवारे अलाई का...
View Article"मनहरण घनाक्षरी छन्द विधान" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
मनहरणघनाक्षरी घनाक्षरियों मेंमनहरणघनाक्षरीसबसेअधिकलोकप्रियहै।इसलोकप्रियताकाप्रभावयहाँतकहैकिबहुतसेकविमित्रभीमनहरणकोहीघनाक्षरीकापर्यायसमझबैठतेहैं।इसघनाक्षरीकेप्रत्येकपदमें 8,8,8 और 7...
View Articleडॉ.श्याम गुप्त की संतुलित कहाँनियाँ-----
डॉ.श्यामगुप्त की संतुलित कहानियाँ सर्वाधिकार ---लेखकाधीनप्रथम संस्करण----जुलाई 2023 ई.मूल्य----100/-रु.रचयिता-डॉ.श्यामगुप्त एम.बी.बी.एस., एमएस(शल्य) हिदी साहित्य विभूषण, साहित्याचार्य...
View Articleडॉ.श्याम गुप्त की संतुलित कहानियाँ----अतिसुखासुर..अब पोते को पालती
१. अतिसुखासुर... पृथ्वीगायकारूपधरकरब्रह्मलोकपहुँची| उसीसमयसभीदेव-गणभीत्राहिमाम-त्राहिमाम कहतेहुएब्रह्मलोकपहुंचे| भगवन! यहअतिसुखासुरवउसकेमित्रगण, मंत्रीगण-आतंकासुर, प्लास्टिकासुर, भ्रष्टासुर,...
View Articleसंतुलित कहानी----प्रेम से प्रथम परिचय...डॉ. श्याम गुप्त
१५. प्रेमसेप्रथमपरिचय… श्रीकांतपढते-पढतेकहनेलगा, ‘वाह! क्याबातहै, अतिसुन्दर |’ ‘क्यासुन्दरहैभई, क्यापढरहेहो?’हरीशने पूछा | “लव्सलेवर्सलौस्ट“ ‘ओह !...
View Articleडॉ.श्याम गुप्त की संतुलित कहानी-----१९.भुज्यु-राज की सागर में डूबने से रक्षा---
१९.भुज्यु-राजकीसागरमेंडूबनेसेरक्षा (अश्विनीकुमारबंधुओंकाएकऔरसफलआपात-चिकित्सकीयअभियान) श्रीकांतजीघूमतेहुएमहेशजीकेघरपहुंचेतोवेलिखनेमेंव्यस्तथे | ‘क्याहोरहाहैमहेशजी ?’,...
View Article.मोड़ जीवन के----डॉ. श्याम गुप्त की संतुलित कहानी----
.मोड़ जीवन के एक साहित्यिक आयोजन में हिन्दी कविता पर सारगर्भित व्याख्यान के पश्चात अपने स्थान पर बैठने पर साथ में बैठे एक वरिष्ठ साहित्यकार ने कहा ,'बहुत शानदार व्याख्या, डॉ. रसिक जी, आपने...
View Articleज्ञानवापी ----डॉ.श्याम गुप्त
ज्ञानवापी का अर्थ ही ज्ञान का जलाशय होता है जो संस्कृत शब्द है , फिर उसका मस्ज़िद से दूर दूर तक कोई सम्बंध ही कहाँ है
View Articleआस्था, विश्वास व श्रद्धा –डॉ. श्याम गुप्त
आस्था, विश्वासवश्रद्धा– ================= तीनोँअन्योनाश्रितशब्दहैं।सामान्यतया एकहीभावमॆंप्रयुक्तहोतेहैंपरंतुउनमेँ मूलत: निहितभावकाअंतरहै।आस्थाअपेक्षाकृतस्थूलहै,...
View Articleमेरे द्वारा की गयी पुस्तक समीक्षा--डॉ.श्याम गुप्त
मेरे द्वारा की गयी पुस्तक समीक्षा--============मेरे गीत-संकलन गीत बन कर ढल रहा हूं की डा श्याम बाबू गुप्त जी लखनऊ द्वारा समीक्षा आज उत्तर प्रदेशके प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र जनवाणी के रविवारीय...
View Articleमेरी नवीन कृति---डॉ. श्याम गुप्त आलेखमाला शृंखला -4 , भाषा व साहित्य--- डॉ....
भाषा व साहित्य – आत्म कथ्य .... अभी हाल में ही किसी काव्य रचना पर एक विपरीत टिप्पणी के सन्दर्भ में काफी घमासान हुआ तमाम कवियों के आपसी वाक्-युद्ध में उनकी बोली-बाणी के स्तर का...
View Articleडॉ.श्यामगुप्त आलेखमाला शृन्खला-4, भाषा व साहित्य -- आलेख-1. कविता का- क ख ग...
डॉ.श्यामगुप्त आलेखमाला शृन्खला-4, भाषा व साहित्य 1. कविता का- क ख ग घ----- कविता का क –मूल परिभाषायेँ ---- अभी हाल में ही किसी काव्य रचना पर एक...
View Articleडॉ.श्यामगुप्त आलेखमाला शृन्खला-4, भाषा व साहित्य आलेख-2 - छंद का विस्तृत आकाश...
2. छंद का विस्तृत आकाश - आकाश को छोटा न कर... वे जो सिर्फ छंदोबद्ध कविता ही की बात करते हैं, वस्तुतः छंद, कविता, काव्य-कला व साहित्य का अर्थ ठीक प्रकार से नहीं जानते-समझते एवं संकुचित अर्थ...
View Articleमेरी नवीन प्रकाशित पुस्तक---दिल की बात, गज़ल संग्रह ....डॉ. श्याम गुप्त
दिल की बात, गज़ल संग्रह का आत्मकथ्य– काव्ययासाहित्यकिसीविशेष, कालखंड, भाषा, देशयासंस्कृतिसेबंधितनहींहोते| मानवजबमात्रमानवथाजहांजाति, देश, वर्ण, काल,...
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